Friday, June 17, 2022

बेचैनी

 

क्या है मेरे अन्दर जो डरता है, बेचैनी महसूस करता है. 

इंसानी संगत खोजता है,  अकेलेपन में पूरे गहरे उतर जाने से डरता है. 

फिर बुरी संगती मिलने पर पछताता है.

गर्मी की रात की ठंडी हवा के एक झोंके के साथ वो बेचैनी हमेशा के लिए गायब क्यों नहीं हो जाती ?

क्यों बार बार आती है ?

आज इस पल में यहाँ पूरी तरह उपस्थित रहना चाहता हूँ. 

प्रकाश और अंधकार के बीच का भेद समझना चाहता हूँ. 

खोकर उस यात्रा से फिर वापस आ जाना चाहता हूँ,

इस झूठी  सपनों की दुनिया में,  फिर से एक बार.

शायद इस बार पूरी तरह जग जाऊँ, 

खो जाना आसान है,  जागना मुश्किल.

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