Sunday, November 19, 2023

पहली सुबह सी।

 


मैं खो जाना चाहता हूं, सवाल-जवाब की दुनिया से परे कहीं पहुच जाना चाहता हूँ, 

जहाँ कोई जान-पहचान का ना हो, 

एक नयी दुनिया हो सबकुछ नया करने का मौका और जोश, 

एक पिंजरा है जो दिखता नही है, 

वहाँ कुछ उम्मीदें हैं और उससे जुड़ी आशा -निराशा,

इस खेल में कोई रस नहीं ये मेरे प्राण चुसता है,

मुझे अधमरा कर छोड़ता है, 

मैं ये याद रखना चाहता हूँ कि मैं जिंदा हूँ,

उस सुनहरे हरे सुबह की तलाश में जहां मन में पुरानी कोई याद ना हो, 

जो पूरी तरह से नयी हो एक नयी जिंदगी- पहली सुबह सी।

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