क्या है मेरी कहानी ?
वो जो मैं हूँ या कुछ और जो मैंने भी नही जाना अभी तक,
मेरी कहानी वो बताता है, जो मैं हूँ ही नही,
और जो मैं हूँ उससे मैं अब तक मिला नही,
पर्दे पर जो है वो सच है या नाटक,
किसने लिखा है मुझे, क्या हूँ मैं ?
शायद एक गहरे अहंकार के बचे रहने की साजिश,
या एक नायाब नन्हें परिंदे की उड़ने की नाकाम कोशिशें,
या गहरे कोहरे के पीछे छुपा हुआ एक नन्हा सितारा,
या ठंडी काली रात में जान बचाता एक बेज़ान लावारिस सड़क का पिल्ला,
जो भी हूँ, खुश नही हूँ, अधूरा हूं, अकेला हूँ, बेचैन हूँ,
अति से कम और कम से ज्यादा,
अतीत में पनपा आज का एक धोखा हूँ,
मैं सुबह भुलाए गए पिछ्ली शानदार रात सा छिछला हूँ.
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